North Sentinel Island क्या है?
दुनिया में एक ऐसा आइलैंड भी है जहाँ लोग तो रहते हैं, लेकिन वो हम सबसे अलग हैं और अलग रहना पसंद करते हैं। हम आज ऐसे ही आइलैंड के बारे में जानेंगे जिसे दुनिया का सबसे unique आइलैंड भी कहा जा सकता है।
North Sentinel Island ये आइलैंड अंडमान और निकोबार(Andaman and Nicobar) आइलैंड्स के ग्रुप में मौजूद है और ये भारत के क्षेत्र में आता है। और ये इसलिए यूनीक है क्योंकि नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड को दुनिया का सबसे आइसोलेटेड(Isolated) और प्रोटेक्टेड(protected) प्लेसेस में से एक माना जाता है क्योंकि यहाँ पर जो लोकल जनजाति रहती है उन्हें मॉडर्न सोसाइटी और बाहर की दुनिया से कोई मतलब नहीं है। इस आइलैंड का एरिया(area) लगभग 60 वर्ग किलोमीटर है।
यहाँ की जो जनजाति है, उन्हें सेंटिनलीज़(Sentinelese) कहा जाता है और ये जनजाति अपनी पारंपरिक जीवनशैली अपनाते हैं और अपने हिसाब से जीना पसंद करते हैं। इसलिए भारतीय सरकार ने इनको काफी सुरक्षा दी है और उनसे मिलना या फिर वहाँ जाना अवैध है। भारतीय सरकार ने नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड को संरक्षित करने के लिए कानून बनाए हैं, जिसमें वहाँ के लोगों की सुरक्षा और गोपनीयता की रक्षा की जाती है।
इस आइलैंड में माना जाता है कि 400 तक की जनसंख्या हो सकती है, जो अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है क्योंकि यहाँ तक कोई भी जा नहीं सका है। और भारतीय कानून के अनुसार इस आइलैंड के 9 किमी से ज्यादा पास जाने की अनुमति नहीं है और इस आइलैंड में भारतीय नौसेना हमेशा अपनी निगरानी रखती है। अगर कोई कानून के खिलाफ जाकर वहाँ जाता है और आइलैंड के लोग उसे मार देते हैं, तो भारतीय सरकार उन पर कोई एक्शन नहीं लेगी उसके लिए वह जाने वाला व्यक्ति ही जिम्मेदार रहेगा।
अब तक हुए घटनाएँ(Incidents Happened Till Now)
इस आइलैंड के आस-पास से जाने वाली बोट्स पर हमेशा हमले हो रहे हैं और कई बार ऊपर से जाते हुए हेलीकॉप्टर्स पर भी इन लोगों ने बाणों से हमला किया है। और ऐसे हमलों के कारण ऐसा माना जाता है कि कई बार लोग घायल हुए हैं।
जनवरी 2006 में आइलैंड के लोगों ने दो मछुआरों को मार डाला जिनका नाम सुंदर राज (48) और पंडित तिवारी (52) था। ये दोनों वहाँ मछली पकड़ने गए थे और करते-करते उनके क्षेत्र में पहुँच गए थे।
नवंबर 2018 में आइलैंड के लोगों ने अमेरिकी मिशनरी जॉन एलन चौ को मार डाला, जो कि उन्हें अवैध रूप से मिलने की कोशिश कर रहे थे और इन लोगों को कोई और उनसे मिलने आए, यह बिल्कुल पसंद नहीं हैं, इसलिए उन्होंने उसे मार डाला।
आइलैंड का इतिहास(History of North Sentinel Island)
ब्रिटिश अन्वेषकों(British explorers) और अधिकारियों ने 19वीं सदी के दौरान नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड और अंडमान आइलैंड्स का सर्वेक्षण करने की कोशिश की थी। लेकिन, सेंटिनलीज़ लोगों ने अपने आइलैंड पर आने वाले लोगों पे हमेशा हमला किया और उसके बाद भी कई बार उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सभी असफल रहे।
1950 के दशक के दौरान, भारत ने इस आइलैंड को एक “नो-कॉन्टैक्ट(no contact)” क्षेत्र घोषित किया था, जहाँ पर किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाना या उनके साथ इंटरएक्ट(Interact) करना अवैध हो गया। इसका प्राथमिक कारण यह था कि सेंटिनलीज़ लोग अपनी पुरानी जीवनशैली को बनाए रखते हुए दुनिया से अलग रहते हैं, और उनके ऊपर किसी भी बाहरी ताकत का नकारात्मक प्रभाव ना हो।
नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड के लोगों ने कभी भी अपने आसपास वाले आइलैंड पर जाने की कोशिश नहीं की और उनकी संस्कृति उनके आइलैंड तक ही सीमित है। उन्होंने कभी भी दूसरे आइलैंड्स पर कब्जा करने की भी कोई कोशिश नहीं की है। अगर भारतीय सरकार चाहती, तो कब का वहाँ अपनी सेना के साथ इस आइलैंड के लोगों से इंटरएक्शन करती, लेकिन भारतीय सरकार का यह मानना है कि उनके आइसोलेशन और संस्कृति को कोई ठेस न पहुँचे और जो भी पारंपरिक जीवनशैली वे जी रहे हैं, उसे सम्मान मिले।

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